मडियाहूं : जौनपुर जिले के मड़ियाहूं तहसील परिषर में पिछले मंगलवार को हुए तहसीलदार के खिलाफ अधिवक्ताओ का प्रदर्शन न्याय पर कई सवाल खड़ा करता है । बार एसोसिएशन के बैनर तले मड़ियाहूं तहसील के अधिवक्ताओं ने तहसीलदार मड़ियाहूं के खिलाफ प्रदर्शन किया और तीन दिन तक न्यायिक कार्य से विरत रहने का ऐलान किया ।तहसीलदार पर आरोप लगाया गया कि उन्होंने राजेश जायसवाल नामक अधिवक्ता के एक जमीनी मामले में अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर गलत फैसला दिया । जबकि तहसीलदार का कहना था कि उन्होंने वही किया जो न्यायोचित था । उन पर लगाए गए आरोप गलत और न्यायिक प्रक्रिया में दबाव बनाने जैसा है । जो भी हो किंत इस मामले ने बार और ब्रेंच के सम्बन्धों की मधुरता को प्रभावित किया है । एक अधिवक्ता साथी के कथित हित के लिए सैकड़ों वादियों का लगातार तीन तीन दिनों तक हित प्रभावित करना कही से भी अधिवक्ता धर्म के अनुकूल नहीं लगता । जहा तक सम्बन्धित अधिवक्ता राजेश जायसवाल की बात है तो उन पर आरोप है कि उन्होंने कूट रचना से बैनामा कराकर पिछले पचास वर्ष से बने मकान को कब्जाने का प्रयास कर रहे है । बताया गया कि राजेश जायसवाल और उनके साथियों द्वारा लिखाई किसी और नंबर की जमीन गई और कब्जा का प्रयास बगल वाले नम्बर में बने पुराने मकान का होने लगा जो मड़ियाहूं क्षेत्र के ही ग्राम जोगापुर निवासी राजेंद्र कुमार मौर्य आदि की है ।आरोप है कि राजेश जायसवाल अपने एक आपराधिक प्रवित्ति के साथी अजय पटेल जो अब किसी गम्भीर मामले में जेल में है की माता जगपत्ती देवी आदि को सह खाते दार बनाकर जोगापुर में गलत चौहद्दी दिखा कर जमीन लिखाई थी । बताते है कि उसी जमीन के बगल वाला नंबर राजेंद्र कुमार मौर्य आदि का है । जिसमे करीब पचास वर्षों से श्री मौर्य परिवार का मकान है ।जानकारी होने पर राजेंद्र कुमार मौर्य ने तहसीलदार के यहां मामला दाखिल कर गलत चौहद्दी दिखाने और कूट रचना से बैनामा कराने का राजेश जायसवाल एवं अन्य पर आरोप लगाया था ।
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