#नौपेड़वा: तेजीबाजार थाना क्षेत्र के हैदरपुर बाजार में गुरुवार शाम इंसानियत को शर्मसार कर देने वाली घटना सामने आई, जहाँ एक मेडिकल स्टोर संचालक की लापरवाही ने 8 साल के मासूम की जान ले ली। पेट दर्द की शिकायत लेकर पहुंचे परिजनों ने जो सोचा नहीं था, वो हो गया एक साधारण इंजेक्शन मासूम की ज़िंदगी पर भारी पड़ गया।
मेडिकल स्टोर पर पहुंचते ही देवी मेडिकल के संचालक ने बिना डॉक्टरी सलाह के मासूम युग यादव को सुई लगा दी, और कुछ ही मिनटों में उसकी मौत हो गई। परिजन बदहवास हो उठे, और देखते ही देखते पूरा गांव उबल पड़ा।
*ग़ुस्से में भड़की भीड़, मेडिकल स्टोर फूंका, गाड़ियाँ जलाईं, सड़क किया जाम*
घटना की खबर जैसे ही गांव में फैली, परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया और सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण बाजार में उमड़ पड़े। आक्रोश इस कदर था कि लोगों ने शव को सड़क पर रखकर बक्शा-तेजीबाजार-लोहिन्दा मार्ग को जाम कर दिया।
*भीड़ ने सिर्फ विरोध तक खुद को सीमित नहीं रखा* मेडिकल स्टोर में घुसकर तोड़फोड़ की, फिर संचालक के घर के पीछे खड़ी कार और बाइक को आग के हवाले कर दिया। यहीं नहीं रुके — घर में भी आग लगा दी। हैदरपुर बाजार अचानक जंग का मैदान बन गया।
*प्रशासन अलर्ट चार थानों की फोर्स तैनात, आला अधिकारी मौके पर*
घटना की सूचना मिलते ही तेज़ीबाजार थाना प्रभारी मौके पर पहुँचे और तुरंत सीओ सदर परमानंद कुशवाहा को जानकारी दी। थोड़ी ही देर में बक्शा, बदलापुर, सिकरारा सहित चार थानों की पुलिस फोर्स मौके पर तैनात कर दी गई।
*मौके पर पहुँचे पूर्व सांसद धनंजय सिंह ने मृतक के परिजनों को समझाने की कोशिश की, लेकिन जनता की नाराज़गी थमने का नाम नहीं ले रही।*
सवालों के घेरे में मेडिकल सिस्टम — क्या बिना ट्रेनिंग के इंजेक्शन देना हत्या के बराबर नहीं?
इस घटना ने एक बार फिर जिले के मेडिकल सिस्टम को कठघरे में खड़ा कर दिया है। क्या बिना किसी मेडिकल डिग्री के संचालक को सुई लगाने का हक़ है? क्या प्रशासन ऐसे मेडिकल स्टोर्स की मॉनिटरिंग करता है? और कब तक मासूम जिंदगियाँ ऐसे झोलाछाप इलाज की भेंट चढ़ती रहेंगी?
परिजन कर रहे हैं मेडिकल स्टोर संचालक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग, और गांव में भारी तनाव बना हुआ है।