कानपुर में जीका वाइरस के बढे मामले, मुख्यमंत्री ने कहा डरने की आवश्यकता नहीं

 


उत्तर प्रदेश : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कानपुर में जीका वायरस के बढ़ते प्रकोप का जायजा लिया और लोगो को आश्वासन दिलाया की इलाज में कोई कमी नहीं छोड़ी जाएगी !

               देश में कोरोना के प्रकोप के बाद उत्तर प्रदेश में जीका वायरस तेजी से पैर पसार रहा है, अब तक यहाँ मरीजों की संख्या १०६ पहुंच गई है , मुख्यमंत्री ने कहा  "पिछले एक महीने में जीका वायरस के १०५ मामले दर्ज किये गए है जिसमे १७ ठीक हो चुके है,  लेकिन स्थानीय प्रशासन और नगरनिगम  के सामूहिक प्रयासों की मदद से निगरानी व् स्वछता अभियान को तेज कर दिया गया है , हमने स्वास्थ्य टीमों की संख्या बढ़ा दी है , मैंने स्थिति की समीक्षा की है घबराने की जरुरत नहीं है "

                                क्या है जीका वायरस ?

जीका वायरस भी वही मच्छर की प्रजाति से फैलता है जिससे डेंगू भी फैलता है, यानी एडीस मच्छर। जीका वायरस सलाइवा और सीमेन जैसे शरीर के तरल पदार्थ के आदान-प्रदान से संक्रामक हो सकता है। यह मनुष्यों के खून में भी पाया जा सकता है।रक्तदान के 14 दिनों के भीतर अगर व्यक्ति को जीका वायरस संक्रमण के साथ निदान किया गया है, तो रक्त दान नहीं करना ही उचित है।


लक्षण

जीका वायरस के लक्षण डेंगू के समान हैं। किसी व्यक्ति को संक्रमित मच्छर से काटे जाने के बाद थोड़ा जीका बुखार और चकत्ते दिखाई दिए जा सकते है। कॉंजक्टिवेटाइटिस, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, और थकावट कुछ अन्य लक्षण हैं जिन्हें महसूस किया जा सकता है। लक्षण आमतौर पर 2 से 7 दिनों तक चलते हैं।


बचाव

सामान्य दर्द और बुखार दवाओं से जीका वायरस का इलाज किया जा सकता है। जब किसी व्यक्ति को जीका संक्रमण से निदान किया गया है तो आराम और भरपूर पानी के सेवन की सलाह दी जाती है। चूंकि जीका मच्छरों से फैलती है, उनसे बचने का मतलब है जीका से बचना। अपने घर में काला हिट जैसे मच्छर स्प्रे को छिड़कना बेहद सहायक हो सकता है।